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कर्त्तव्य के वश विज्ञ जन क्या-क्या नहीं करते कहो ? वह अति अपूर्व कथा हमारे ध्यान देने योग्य है, जिस विषय में सम्बन्ध हो वह जान लेने योग्य है। अतएव कुछ आभास इसका है दिया जाता यहाँ, अनुमान थोड़े से बहुत का है किया जाता यहाँ।। रणधीर द्रोणाचार्य-कृत दुर्भेद्य चक्रव्यूह को, vyakya likhe |
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Answer» रणधीर द्रोणाचार्य- कृत दुर्भेध चक्रव्युह को |
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