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किसी परिनालिका के अन्दर नरम लोहे का क्रोड रखने पर...
1.
किसी परिनालिका के अन्दर नरम लोहे का क्रोड रखने पर उसके स्वप्रेरकत्व पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Answer» स्वप्रेरकत्व बढ़ता है ।
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चित्र में एक धातु की छड़ PQ को दर्शाया गया है जो पटरियों AB पर रखी है तथा एक स्थायी चुम्बक के ध्रुवो के मध्य स्थित है । पटरियाँ , छड़ एवं चुंबकीय क्षेत्र परस्पर अभिलंबवत दिशाओ में है ।एक गैल्वेनोमीटर ( धारामापी ) G को पटरियों से एक स्विच K की सहायता से संयोजित किया गया है । छड़ की लम्बाई 15 सेमी , B = 0.50 T तथा पटरियों , छड़ धारामापी से बने बंद लूप का प्रतिरोध = ` 9.0 mOmega ` है । क्षेत्र को एकसमान मान ले । क्या कुंजी K खुली होने पर छड़ के सिरों पर आवेश का आधिक्य हो जायेगा ? क्या होगा यदि कुंजी K बंद कर दी जाए ?
एक धात्विक छड़ को गुरुत्व के अंतर्गत क्षेतिजतः पुर्व - पश्चिम दिशा में स्वतंत्रतापूर्वक गिरने से इसके परितः क्या कोई वि वा बल प्रेरित होगा ?
R प्रतिरोध के परिपथ से गुजरने वाला चुम्बकीय फलक्स समय `Delta t " में " Delta phi ` परिमाण से परिवर्तित होता है । `Delta t ` समय क दौरान परिपथ के किसी बिंदु से गुजरने वाले विद्युत आवेश Q की कुल मात्रा प्रदर्शित होती है -A. ` Q = 1/R = (Delta phi )/(Delta t)`B. ` Q = (Delta phi )/R`C. ` Q = (Delta phi)/(Deltat)`D. ` Q = R (Delta phi )/(Delta t) `
एक कुण्डली से गुजरने वाले चुम्बकीय फ्लक्स का मान 0.1 सेकण्ड में 1 वेबर से 0.1 वेबर हो जाता है , तो प्रेरित वि . वा. बल का मान बताइये ।
किसी कुंडली से सम्बद्ध चुम्बकीय फलक्स में परिवर्तन के कारण उस कुंडली में विद्युत वाहक बल का सूत्र निम्न है -( A = कुंडली का क्षेत्रफल, B= चुम्बकीय क्षेत्र )A. ` epsilon = - A(dB)/(dt)`B. ` epsilon = - B (dA)/(dt) `C. ` epsilon = - d/(dt) (vec(A).vec(B))`D. ` epsilon = - d/(dt) (vec(A) xxvec(B))`
`100 " सेमी "^(2)` क्षेत्रफल और 500 फेरो वाली एक कुण्डली `0.1 " वेबर/मीटर"^(2)` के चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत रखी है । यदि चुम्बकीय क्षेत्र का मान 0.1 सेकण्ड से घटकर शून्य हो जाये , तो कुण्डली में प्रेरित वि . वा . बल का मान ज्ञात कीजिये ।
` 0.01 " मीटर "^(2) ` क्षेत्रफल वाली वर्गाकार कुंडली `10^(3)` वेबर प्रति`" मीटर "^(2)` वाले चुम्बकीय क्षेत्र में लंबवत रखी है । कुंडली से सम्बद्ध फ्लक्स होगा -A. 10 वेबरB. `10^(-5)` वेबरC. शून्यD. 100 वेबर
` 100 " सेमी"^(2)` क्षेत्रफल तथा 50 फेरो वाली एक कुण्डली को 0.02 `" वेबर/मीटर" ^(2)` तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत रखा गया है । कुण्डली का प्रतिरोध 2 ओम है । यदि इसको 1 सेकण्ड में चुम्बकीय क्षेत्र से हटाया जाये , तो प्रेरित आवेश का मान कितना होगा ?
वह क्षेत्र जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक `5.0 xx 10^(-5) N A^(-1) m^(-1)` उत्तर की ओर तथा क्षैतिज है , एक नाव पूर्व की ओर गति कर रही है । यहाँ 2 मीटर ऊर्ध्वाधर लम्बाई का एरियल है । यदि नाव की लम्बाई चाल 1.50 m/s है तब एरियल के तार में प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान होगा -A. 1 mVB. 0.75 mVC. 1.5 mVD. 0.15 mV
एक आयताकार चालक PQRS एक समान चुम्बकीय क्षेत्र 0.5T में निम्न चित्रानुसार रखा है। चुम्बकीय क्षेत्र कागज के तल के लंबवत है । जब भुजा RS =20 सेमी, 10 मी/ से के वेग से गतिमान है तो भुजा में प्रेरित वि. वा . बल मान ज्ञात कीजिये । यदि RS भुजा का प्रतिरोध `5 Omega` हो , तो प्रेरित धारा का मान ज्ञात कीजिए।
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