Saved Bookmarks
| 1. |
किसी चालक का पृष्ठ सदैव समविभव पृष्ठ होता है, क्यों? |
| Answer» आवेशित चालक के सभी कण एक-दूसरे से जुड़े रहते है, अर्थात विद्युत सम्पर्क में रखते है। यदि किसी बिंदु पर विभव कम है, तो अधिक विभव वाले बिंदु से प्रवाहित होकर आवेश दोनों बिन्दुओ के विभव को एक-समान कर देता है। इस प्रकार प्रत्येक आवेशित चालक का पृष्ठ (चाहे उसका आकर कुछ भी हो) समविभव पृष्ठ होता है। | |