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Karun rass ke paribhasha dijiya |
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Answer» जहा शोक नामक स्थाई भाव विभाव आदि से संयुक्त हो कर रस से परीपुण होता है वहां पर करुण रस होता है जिस रस में किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है, वहाँ करूण रस होता है। |
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