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जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण होता है? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा?

Answer» साबुन लम्बी श्रृंखला वाले उच्च वसीय अम्लों के सोडियम एव पोटैशियम लवण होते है। साबुन अणु के दोनों सिरों के भिन्न अणु होते है। जल में अधुलनशील हाइड्रोकार्बन भाग (R ) (पूँछ) जल विरोधी (hydrophobic ) होता है, जबकि जल में घुलनशील आयनिक भाग `(COO^(-))` (सिर) जल-स्नेही (hydrophilic ) होता है। जब साबुन को जल में घोला जाता है तो साबुन के के अणु जल कि साथ पर एक विशेष अनुक परत बना लेते है। जिसमे आयनिक भाग (सिर,) जल में डूबा रहता है, जबकि हाइड्रोकार्बन भाग (पूँछ, tail ) जल से बहार रहत अहा। ऐसा अणुओ का बड़े समूह (कलस्टर) बनने के कारण होता है, जिसमे जलविरोधी पूँछ बड़े समूह के भीतरी हिस्से में होती है, जबकि उसका आयनिक सिरा बड़े समूह कि सतह पर होता है। यह संरचन मिसेल (micelles ) कहलाती है। एथेनॉल जैसे दूसरे विलयको में मिसेल का निर्माण नहीं होगा।


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