1.

जब काँच की छड़ को रेशम के टुकड़े से रगड़ते है तो दोनों पर आवेश आ जाता है। इसी प्रकार की परिघटना का वस्तुओ के अन्य युग्मो में भी प्रेक्षण किया जाता है। स्पष्ट कीजिये की यह प्रेक्षण आवेश संरक्षण नियम से किस प्रकार सामंजस्य रखता है?

Answer» जब काँच की छड़ को रेशम के टुकड़े से रगड़ते है तब काँच की छड़ पर उत्पन्न धनावेश का परिमाण रेशम के कपड़े पर उत्पन्न ऋणावेश के परिमाण के बराबर होता है अर्थात घर्षण के पूर्व एवं घर्षण के पश्चात दोनों ही स्थितियों में कुल आवेश का मान समान (शून्य) है अत: इस परिघटना में आवेश संरक्षण के नियम की पुष्टि हुई।


Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions