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हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है। |
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Answer» हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है। |
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