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हीरा इतना अधिक क्यों चमकता है? कारण बताइए। |
| Answer» वायु के सापेक्ष हीरे का अपवर्तनाक 2.4 तथा हीरे का वायु के लिए क्रान्तिक कोण बहुत कम केवल `24^(@)` है। जब किसी विशेष प्रकार से कटे हुए हीरे में बाहर का प्रकाश प्रवेश करता है तो वह उसके भीतर विभिन्न पृष्ठों पर बार-बार पूर्ण परावर्तित होता रहता है। जब किसी तल पर आपतन कोण का मान 24° से कम हो जाता है, तब ही प्रकाश हीरे से बाहर आता है। अतः हीरे में सभी ओर प्रवेश करने वाला प्रकाश केवल कुछ ही दिशाओं से बाहर निकलता है। इस प्रकार हीरे की इन दिशाओं से बाहर आने वाले प्रकाश के कारण ही हीरा अत्यधिक चमकदार दिखाई देता है। | |