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हीहियजकों ज, उर्ज यक |
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Answer» ों श्री रसिकाचारज। नित बिहार उद्धार कियो जिन, मथिकै हृदय-सिंधु वर बारज॥ भ्रम, तम, स्रम, सब हरे हमारे, कर गहि सकल संभारे कारज। ‘भगवतरसिक' प्रसंसित कीन्हैं, स्यामा-स्याम सहायक आरज॥ |
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