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गांव का पुश्तैनी घर बेचने से पहले लेखक के मन में क्या-क्या विचार आए? |
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Answer» लेखक ने गाँव का पुश्तैनी घर बेचने का निश्चय कर लिया था, परंतु बाद में उसका मन उद्विग्न हो गया। उसे लगा कि आखिर वह पुश्तैनी घर क्यों बेचा जाए। कितनी मेहनत से उसके पिता और मां ने उस घर को बनाया था। उसी घर के आंगन में वे खेले थे। वहीं रहकर उन्होंने शिक्षा पाई थी। उसी घर में उसकी बहनों और भाइयों के विवाह-मंडप सजे थे। पड़ोसियों से झगड़े हुए थे। वही उनके पशु बाँधे जाते थे। उनके दादा, दादी और पिता की मृत्यु भी उसी घर में हुई थी। इस प्रकार गांव का पुश्तैनी घर बेचने से पहले लेखक के मन में तरह-तरह के भावनापूर्ण विचार आए। |
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