1.

(ग) तापस बाला गंगा निर्मल, शशि मुख से दीपित मृदु करतललहरे उर पर कोमल कुंतल!गोरे अंगों पर सिहर-सिहर,लहराता तार-तरल सुन्दर,अंचल- अंचल-सा नीलांबर!​

Answer» OPPORTUNITY for a COUPLE of YEARS, and a few DAYS AGO and


Discussion

No Comment Found

Related InterviewSolutions