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Father bulke |
| Answer» फादर बुल्के एक सन्यासी थे यह केवल मन के सन्यासी थे दिल से नहीं क्युकी यह लोगो के दुख सुख मै समिल होते थे लोगो को सलाह देते थे लोगो के साथ बात करते थे इन्होंने बाइबल को अंग्रेज़ी मै लिखा था इन्होंने अंग्रेज़ी और हिंदी का सब्दकोश तैयार किया था यह भारत आने के बाद अपने परिवार से मिलने दो तीन बार बेल्जियम गए थे इस पाठ के लेखक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना फादर से कहीं बार मिल चुके थे जब लेखक की पत्नी मर गई थी तब फादर बहा गए थे । फादर की मोत दिल्ली मै जहरबाद की वजह से हुई उनके दोनों हाथों की उंगलियां सुज गई थी। | |