1.

•एकपंक्तिमेंकविनेयहकहकरअपनेअस्तित्वकोनकाराहैकि"हमदीवानोंकीक्याहस्ती,हैंआजयहाँ,कलवहाँचले।"दूसरीपंक्तिमेंउसनेयहकहकरअपनेअस्तित्वकोमहत्त्वदियाहैकि"मस्तीकाआलमसाथचला,हमधूलउड़ातेजहाँचले।"यहफाकामस्तीकाउदाहरणहै।अभावमेंभीखुशरहनाफाकामस्तीकहीजातीहै।कवितामेंइसप्रकारकीअन्यपंक्तियाँभीहैंउन्हेंध्यानपूर्वकपढ़िएऔरअनुमानलगाइएकिकवितामेंपरस्परविरोधीबातेंक्योंकीगईहैं?

Answer»


एक
पंक्ति
में
कवि
ने
यह
कहकर
अपने
अस्तित्व
को
नकारा
है
कि
"हम
दीवानों
की
क्या
हस्ती,
हैं
आज
यहाँ,
कल
वहाँ
चले।"
दूसरी
पंक्ति
में
उसने
यह
कहकर
अपने
अस्तित्व
को
महत्त्व
दिया
है
कि
"मस्ती
का
आलम
साथ
चला,
हम
धूल
उड़ाते
जहाँ
चले।"
यह
फाकामस्ती
का
उदाहरण
है।
अभाव
में
भी
खुश
रहना
फाकामस्ती
कही
जाती
है।
कविता
में
इस
प्रकार
की
अन्य
पंक्तियाँ
भी
हैं
उन्हें
ध्यानपूर्वक
पढ़िए
और
अनुमान
लगाइए
कि
कविता
में
परस्पर
विरोधी
बातें
क्यों
की
गई
हैं
?



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