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एक वृताकार कुण्डली की त्रिज्या `0.25` मीटर है तथा इसमें 50 फेरे है। जब इसे चुंबकीय याम्योत्तर के लम्बवत रखकर इसमें वैधुत धारा प्रवाहित की जाती है, तो इसके केंद्र पर रखी चुंबकीय सुई कही भी ठहर जाती है । धारा का मान बताइए । `B_(H)=0.3xx10^(-4)` न्यूटन/(ऐम्पियर-मीटर)। |
| Answer» Correct Answer - `0.24` ऐम्पियर | |