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एक प्राकृतिक आपदा के रूप में समुद्री लहरों का सामान्य परिचय दीजिए। इनके मुख्य कारण क्या होते हैं? समुद्री लहरों की चेतावनी तथा बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का भी उल्लेख कीजिए। |
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Answer» समुद्री लहरें : प्राकृतिक आपदा समुद्री लहरें कभी-कभी विनाशकारी रूप धारण कर लेती हैं। इनकी ऊँचाई 15 मीटर और कभी-कभी इससे भी अधिक तक होती है। ये तट के आस-पास की बस्तियों को तबाह कर देती हैं। ये समुद्री लहरों के कारण 1. ज्वालामुखी विस्फोट- वर्ष 1993 में इण्डोनेशिया में क्रकटू नामक विख्यात ज्वालामुखी में भयानक विस्फोट हुआ और इसके कारण लगभग 40 मीटर ऊँची सूनामी लहरें उत्पन्न हुईं। इन लहरों ने जावा व सुमात्रा में जन-धन की अपार क्षति पहुँचायी। 2. भूकम्प– समुद्र तल के पास या उसके नीचे भूकम्प आने पर समुद्र में हलचल पैदा होती है। और यही हलचल विनाशकारी सूनामी का रूप धारण कर लेती है। 26 दिसम्बर, 2004 को दक्षिण-पूर्व एशिया में आई विनाशकारी सूनामी लहरें, भूकम्प का ही परिणाम थीं।। 3. भूस्खलन– समुद्र की तलहटी में भूकम्प व भूस्खलन के कारण ऊर्जा निर्गत होने से बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न होती हैं जिनकी गति अत्यन्त तेज होती है। मिनटों में ही ये लहरें विकराल रूप धारण कर, तट की ओर दौड़ती हैं। चेतावनी व अन्य युक्तियाँ सूनामी लहरों की उत्पत्ति को रोकना मानव के वश में नहीं हैं। समय से इसकी चेतावनी देकर, लोगों की जान व सम्पत्ति की रक्षा की जा सकती है। 1. उपग्रह प्रौद्योगिकी– उपग्रह प्रौद्योगिकी के प्रयोग से सूनामी सम्भावित भूकम्पों की तुरन्त चेतावनी देना सम्भब हो गया है। चेतावनी का समय तट रेखा से अभिकेन्द्र की दूरी पर निर्भर करता है। फिर भी उन तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जहाँ सूनामी कुछ घण्टों में विनाश फैला सकती है, सूनामी के अनुमानित समय की सूचना दे दी जाती है। 2. तटीय ज्वार जाली– तटीय ज्वार जाली का निर्माण करके सूनामियों को तट के निकट रोको जा सकता है। गहरे समुद्र में इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता। 3. सूनामीटर- सूनामीटर के द्वारा समुद्र तल में होने वाली हलचलों का पता लगाकर, उपग्रह के माध्यम से चेतावनी प्रसारित की जा सकती है। इसके लिए सूनामी सतर्कता यन्त्र समुद्री केबुलों के द्वारा भूमि से जोड़े जाते हैं और उन्हें समुद्र में 50 किमी तक आड़ा-तिरछा लगाया जाता है सूनामी की आशंका पर सावधानियाँ यदि आप ऐसे तटवर्ती क्षेत्र में रहते हैं जहाँ सूनामी की आंशका है, तो आपको निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए ⦁ तट के समीप न तो मकान बनवाएँ और न ही किसी तटवर्ती बस्ती में रहें। |
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