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एक पारद लैंप, प्रकाश विद्युत उत्सर्जन की आवृत्ति निर्भरता के अध्ययन के लिए एक सुविधाजनक स्त्रोत है क्योंकि यह दृश्य –स्पेक्ट्रम के परबैंगनी (UV) के लाल छोर तक कइ वर्ण रेखाएं उत्सर्जित करता हैं रूबीडियम प्रकाश सेल के हमारे प्रयोग में पारद स्त्रोत की निम्न वर्ण रेखाओं का प्रयोग किया गया `lamda_(1)=3650Å, lamda_(2)=4047Å, lamda_(3)=4358Å,lamda_(4)=5461Å,lamda_(5)=6907Å`, निरोधी वोल्टताएं क्रमशः निम्न मापी गई `V_(01)=1.28V,V_(02)=0.95V,V_(03)=0.74V,V_(04)=0.16V,V_(05)=0V` (a) प्लैंक स्थिरांक h का मान ज्ञात कीजिए। (b) धातु के लिए देहली आवृत्ति तथा कार्य फलन का आकलन कीजिए। |
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Answer» Correct Answer - `V_(0)` और `v` में आरेख खींचिए। आरेख का ढाल `(h//e)` और `v` अक्ष पर इसका अंतः खंड `v_(0)` को प्रदर्शित करता हैं पहले चार बिंदु लगभग सरल रेखा पर आते हैं जो `v` अक्ष को `v_(0)=5.0xx10^(14)Hz` (पहली आवृत्ति) पर काटती है। पांवां बिंदु `vltv_(0)` के लिए होता है जहां प्रकाश विद्युत उत्सर्जन नहीं होता और इसलिए धारा को रोकने के लिए निरोधी विभव की आवश्कयता नहीं होती। आरेख का ढाल `4.15xx10^(-15)Vs` है । `e=1.6xx10^(-19)C` तथा `1h=6.64xx10^(-34)Js` (`h` का मानक मान `=6.626xx10^(34)Js`) के प्रयोग से `phi_(0)=hv_(0)=2.11V` |
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