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एक भरोत्तोलक भार को पहले ऊपर और फिर नीचे तक लाता है। यह माना जाता है कि सिर्फ भार को ऊपर ले जाने में कार्य होता है और नीचे लेन में स्थितिज ऊर्जा का ह्रास होता है। शरीर की वसा ऊर्जा देती है जो यांत्रिकीय ऊर्जा में बदलती है। मान लें कि वसा द्वारा दी गई ऊर्जा `3.8xx10^(7)J` प्रति किग्रा भार है तथा इसका मात्र `20%` यांत्रिकीय ऊर्जा में बदलता है। अब यदि एक भरोत्तोलक 10 किग्रा के भार को 1000 बार 1 मी कि ऊँचाई तक ऊपर और नीचे करता है तब उसके शरीर से वसा का क्षय है: `( g=9.8"मी/से"^(2) लें) `A. `6.45xx10^(-3)` किग्राB. `9.89xx10^(-3)` किग्राC. `12.89xx10^(-3)` किग्राD. `2.45xx10^(-3)` किग्रा |
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Answer» Correct Answer - C माना वसा का m किग्रा द्रव्यमान प्रयुक्त होता है, तब `mxx3.8xx10^(7)xx(20)/(100)=10xx9.8xx1xx1000` अथवा `m=(9.8)/(3.8xx10^(3)xx0.2)=12.89xx10^(-3)` किग्रा |
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