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दो धातुओं A व B के कार्य फलन क्रमशः 2eV तथा 4eV है...
1.
दो धातुओं A व B के कार्य फलन क्रमशः 2eV तथा 4eV हैं । धातुओं की देहली तरंगदैर्घ्य में क्या अनुपात है ?
Answer» Correct Answer - `2:1`
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एक धातु से पृष्ठ से उत्सर्जित प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों का निरोधी विभव `V_(1)` है , जब आवृत्ति `v_(1)` का एकवर्णीय प्रकाश इस एकवर्णीय प्रकाश इस पर डाला जाता है । जब एक अन्य आवृत्ति का एकवर्णीय प्रकाश डाला जाता है , तो निरोधी विभव `V_(2)` हो जाता है , यदि h प्लांक नियतांक है तथा e इलेक्ट्रॉन का आवेश है तो दूसरी स्थिति में प्रकाश की आवृत्ति है :A. `v_(1)-(e)/(h)(V_(2)-V_(1))`B. `v_(1)+(e)/(h)(V_(2)+V_(1))`C. `v_(1)-(e)/(h) (V_(2)+V_(1))`D. `v_(1)+(e)/(h)(V_(2)-V_(1))`.
एक धातु के पृष्ठ को 400 nm के प्रकाश से प्रदीप्त किया जाता है । उत्सर्जित प्रकाश-इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा 1.68 eV पायी जाती है । धातु का कार्य फलन है : (hc=1240 eV nm)A. 1.68 eVB. 3.09 eVC. 1.42 eVD. 1.52 eV
जब किसी धातु के पृष्ठ पर आवृत्ति `2v_(0)` ( यहाँ `v_(0)` देहली आवृत्ति है ) का प्रकाश आपतन करता है , तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम वेग `v_(1)` है । जब आपतित विकिरणों की आवृत्ति बढ़ाकर `5v_(0)` कर दी जाती है, तो उसी पृष्ठ से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम वेग `v_(2)` होता है । `v_(1)` और `v_(2)` का अनुपात है :A. `1:2`B. `2:1`C. `4:1`D. `1:4`
चित्र में तीन विभिन्न आपतित विकिरणों के लिए, एक फोटो-सुग्राही पृष्ठ से प्राप्त प्रकाशवैधुत धारा तथा एनोड विभव के बीच ग्राफ दर्शाये गये हैं । माना कि वक्रों a, b, c के संगत , आपतित विकिरणों कि तीव्रताएँ क्रमशः `I_(a), I_(b) , I_(c)` हैं तथा आवृत्तियाँ क्रमशः`f_(a), f_(b) , f_(c)` हैं । निम्नलिखित में कौन-सा कथन सत्य है ? A. `f_(a)=f_(b)` तथा `I_(a)!=I_(b)`B. `f_(a)=f_(c)` तथा `I_(a)=I_(c)`C. `f_(a)=f_(b)` तथा `I_(a)=I_(b)`D. `f_(b)=f_(c)` तथा `I_(b)=I_(c)`.
प्रकाशवैधुत प्रभाव में प्रयुक्त किये जाने वाले प्रकाश की आवृत्ति तथा धातु से उत्सर्जित प्रकाश - इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम ऊर्जा में ग्राफ खींचिए तथा बताइए : ( i ) ग्राफ का ढलान क्या प्रदर्शित करता है ? (ii ) ग्राफ से धातु के पृष्ठ का कार्य फलन कैसे ज्ञात किया जा सकता है ? ( iii ) ग्राफ की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ेगा यदि आपतित प्रकाश की तीव्रता दोगुनी कर दी जाये अथवा नीचे कार्य फलन की धातु ली जाये ?
दी - ब्रोगली की द्रव्य - तरंगों की अवधारणा स्पष्ट कीजिए ।
प्रकाश वैधुत प्रभाव के प्रयोग में निरोधी विभव `V_(0)` तथा आपतित प्रकाश की आवृत्ति v के बीच ग्राफ खींचने पर एक सरल रेखा प्राप्त होती है जो v अक्ष से `theta` कोण बनाती है । यदि पृष्ठ का कार्य फलन W हो , तो ` tan theta` का मान होगा :A. `(h)/(e)`B. `(e)/(h)`C. `-(W)/(e)`D. `(eh)/(W)`
निरोधी विभव का मान आपतित प्रकाश की आवृत्ति तथा तीव्रता पर किस प्रकार निर्भर करता है ? ग्राफ खींचकर व्यक्त कीजिए ।
कुछ फोटोग्राफिक प्लेटें लाल प्रकाश से प्रभावित नहीं होतीं परन्तु श्वेत प्रकाश में तुरंत काली पड़ जाती हैं , क्यों ?
किसी धातु के पृष्ठ पर प्रकाश डालने पर उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों को क्या कहते हैं और क्यों ? ये कहाँ से आते हैं ?
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