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चित्र में एक वृत्तीय कुंडली में `I_(1)` धारा प्रवाहित हो रही है तथा उसके अक्ष पर स्थित तार में `I_(2)` धारा प्रवाहित हो रही है दोनों धाराओं के मध्य पारस्परिक क्रिया के कारण चुंबकीय बल कितना होगा ? |
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Answer» कुण्डली में प्रवाहित धारा `I_(1)` के कारण उसके केंद्र पर तल के लम्बवत चुंबकीय क्षेत्र B कार्य करेगा । क्षेत्र B के कारण धारा `I_(2)` पर लगने वाला बल `F=IlBsin theta` यहाँ `theta=0^(@)` अतः बल `F=IlB sin 0^(@)=0` इस प्रकार धारा `I_(1)` के कारण तार पर कोई बल कार्य नहीं करेगा । धारा `I_(2)` के करण चुंबकीय बल रेखाएँ वृत्ताकार तथा `I_(1)` के समान्तर होगी । अतः धारा `I_(2)` के कारण कुण्डली पर कोई बल कार्य नहीं करेगा । |
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