Saved Bookmarks
| 1. |
"बिगरी बात बनै नहीं, लाख करों किन कोय। रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय लाख कोशिश करने पर भी किस सुधारा जा सकता है |
| Answer» लाख कोशिश करने पर भी विगड़ी हुई बात को सुधारा नहीं जा सकता | |