1.

भगवान की भव-भूतियों का यह प्रथम भण्डार है।

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भव-भूतियाँ अर्थात् संसार के वैभव के उपकरण। सोना, चांदी, हीरे-मोती आदि बहुमूल्य पदार्थों का भारत ने पता लगाया। रेशमी वस्त्र बनाने की कला यहीं विकसित हुई। इस प्रकार भारत में केवल ज्ञान-विज्ञान का विकास हो नहीं हुआ, वैभव के उपकरणों का उपयोग भी यहीं से आरंभ हुआ।



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