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भावस्पष्ट कीजिए−सहानुभूतिचाहिए,महाविभूतिहै यही;वशीकृतासदैव है बनी हुईस्वयं मही।विरुद्धवादबुद्ध का दया-प्रवाहमें बहा,विनीतलोकवर्ग क्यान सामने झुकारहा?

Answer»

भाव
स्पष्ट कीजिए


सहानुभूति
चाहिए
,
महाविभूति
है यही
;


वशीकृता
सदैव है बनी हुई
स्वयं मही।


विरुद्धवाद
बुद्ध का दया
-प्रवाह
में बहा
,


विनीत
लोकवर्ग क्या
न सामने झुका
रहा
?



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