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Answer» जब मेरे स्कूल की दशहरे की 10 दिन की छुट्टियाँ पड़ीं तो मैं अपने माता-पिता के साथ कोलकाता का चिड़ियाघर घूमने गया। पिताजी ने बताया कि चिड़ियाघर में हर प्रकार के जल, थल और वायु में रहने वाले-जीव-जन्तु तथा पशु-पक्षी देखने को मिलते हैं। कोलकाता में हम अपने चाचा के घर में ठहरे थे। मैंने कोलकाता में चिड़ियाघर देखने से पहले और भी प्रमुख जगहों का भ्रमण किया। कोलकाता का चिड़ियाघर देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह बहुत प्रसिद्ध चिड़ियाघर है। चिड़ियाघर वह स्थान है जहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी और पशु रखे जाते हैं और उन्हें जंगल जैसा वातावरण उपलब्ध कराया जाता है। ये पशु-पक्षी विश्व के विभिन्न स्थानों से लाए चाते हैं। विश्व कासबसे बड़ा और सबसे अच्छा चिड़ियाघर लंदन में है। भारत में दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, कानपुर, जोधपुर और कोलकाता के चिड़ियाघर सुविख्यात हैं। दूर-दूर से लोग इन्हें देखने आते हैं। हम सुबह 9 बजे चिड़ियाघर देखने पहुँचे। वहाँ प्रत्येक वयस्क का 10 रूपए और बच्चों का 5 रूपए प्रवेश शुल्क था। पहले हमने टिकट खरीदे और फिर मुख्य द्वार से प्रवेश किया। चिड़ियाघर बहुत लंबे-चौड़े कई एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ था। हमने वहाँ बहुत सारे विचित्र, अनोखे और सुन्दर पशु-पक्षी देखे। तत्पश्चात हम जंगली जानवरों को देखने दूसरी ओर मुड़ गए। हमने वहाँ चीता, बब्बर शेर, तेंदुआ, पैंथर, भालू और बंगाल टाइगर देखे जो लोहे के बने बड़े-बड़े पिंजरों में बंद थे। वहाँ काले भूरे और सफेद रंग के भालू थे। एक अन्य अहाते में हमने घोड़े, गधे खच्चर, ऊँट, हिरण, भेड़, जेब्रा, हाथी और अन्य जंगली जानवर देखे। बहुत लंबी गरदन वाले शुतुरमुर्ग देखे तीन कंगारू और गुरिल्ला देखे। वहाँ एक अन्य कमरे में हमने अनेक प्रकार के साँप बिच्छू रंगीन मछलियाँ और सैंकड़ों बंदर देखे। कुछ बंदरों के मुँह लाल थे तो कुछ के मुँह काले थे। तालाब में एक पेड़ देखा जिस पर तोता कोयल कबूतर, मोर, सारस गौरैया बतख आदि अनेक पक्षी चहचहा रहे थे और कुछ तालाब में तैर रहे थे। कुछ विदेशी पक्षी थे जो वहाँ मैंने पहली बार देखे थे। |
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