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अभिक्रिया `2N_(2)O to 2N_(2) + O_(2)` का प्रयोग से प्राप्त वेग नियम निम्न है- Rate =`k[N_(2)O]` अभिक्रिया की प्रगति अवधि में एक माध्यिका स्पीशीज O के अस्तित्व की पृष्टि होती है। इस अभिक्रिया के लिए उपयुक्त क्रियाविधि को व्यक्त कीजिये। |
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Answer» चूँकि अभिक्रिया की दर `N_(2)O` के सान्द्रण्ड के समानुपाती है अतएव सर्वाधिक मंद सोपान में `N_(2)O` का केवल एक अनु ही उपस्तिथ होना चाहिए। अभिक्रिया की प्रगति होती है। अतएव इस अभिक्रिया के लिए निम्न क्रियाविधि लिखी जा सकती है- सोपान 1 `N_(2)O to N_(2) + O_(2)` सोपान 2. `N_(2)O+O to N_(2)+O_(2)` इन दोनों सोपानों का योग अभिक्रिया की सटोनीषियोमीटरी को संतुष्ट करता है, जैसा की निम्न से स्पष्ट है- `N_(2)O to N_(2)+ O_(2)` `N_(2)O + O to N_(2) + O_(2)` ----------------------- `2NO_(2) to 2N_(2) + O_(2)` इसके अतिरिकत अभिक्रिया का वेग नियम सोपान 1 द्वारा दिए वेग नियम के अनुरूप है। अतएव उपरोक्त क्रियाविधि का सही माना जा सकता है। |
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