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आयनिक अभिक्रियाएँ तात्कालिक रूप से पूर्ण हो जाती है। |
| Answer» विपरीत आवेशों के आयनो में प्रबल कूलाम्बिक आकर्षण बल होने के कारण ये तात्कालिक एवं पूर्ण होतो है। | |