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1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उसका भावार्थ अपने शब्दों में लिखें। नए हाथ से वर्तमान का रूप सवारो, नई तूलिका से चित्रों के रंग बहारों, नय राग को नूतन स्वर दो, भाषा को नूतन अक्षर दो , युग की नई मूर्ति रचना में, इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है। लो अतीत से उतना ही जितना पोषक है, जीर्ण -शीर्ण का मोह मृत्यु का ही द्योतक है , तोड़ो बंधन, रुके न चिंतन गति जीवन का सत्य चिरंतन, धारा के शाश्वत प्रवाह में, इतने गतिमय वनों की जितना परिवर्तन है। |
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