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1) अलंकार के भेद कि परिभाषा और उदाहरण सहीत स्पष्ट कीजिए। ? |
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Answer» अनुप्रास अलंकार उसे कहते है जिस शब्द एक से ज्यादा बार आता है Hi Ryt..???? शब्दालंकार के तीन भेद हैं –\tअनुप्रास अलंकार: जब काव्य में किसी वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार होती है अर्थात् कोई वर्ण एक से अधिक बार\tआता है तो उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं; जैसे –\tतरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।\tयहाँ ‘त’ वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हुई है। अतः यहाँ अनुप्रास अलंकार है।\tअन्य उदाहरण –\tरघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम। (‘र’ वर्ण की आवृत्ति)\tचारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही हैं जल-थल में। (‘च’ वर्ण की आवृत्ति)\t\tयमक अलंकार: जब काव्य में कोई शब्द एक से अधिक बार आए और उनके अर्थ अलग-अलग हों तो उसे यमक अलंकार होता है; जैसे- तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है।\tउपर्युक्त पंक्ति में बेर शब्द दो बार आया परंतु इनके अर्थ हैं – समय, एक प्रकार का फल। इस तरह यहाँ यमक अलंकार है।\tअन्य उदाहरण –\tकनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय।\tया खाए बौराए नर, वा पाए बौराय।।\tयहाँ कनक शब्द के अर्थ हैं – सोना और धतूरा। अतः यहाँ यमक अलंकार है।\t\tश्लेष अलंकार: श्लेष अलंकार- श्लेष का अर्थ है- चिपका हुआ। अर्थात् एक शब्द के अनेक अर्थ चिपके होते हैं। जब काव्य में कोई शब्द एक बार आए और उसके एक से अधिक अर्थ प्रकट हो, तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं; जैसे –\tरहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।\tपानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष चून।।\t |
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